श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय वेरावल ।
एक समारोह में आज श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय,वेरावल,गुजरात एवं सम्पूर्णानद संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी के बीच शैक्षणिक,सांस्कृतिक करार पर हस्ताक्षर..
करार से शैक्षणिक सुविधाओ के अनुसार शिक्षक,छात्रों की मूलभूत सुविधाओं,शैक्षणिक सामग्री एवं संस्कृतियों का आदान-प्रदान*---कुलपति प्रो आनन्द कुमार त्यागी।
दोनों संस्थाओं के बीच करार(एमओयू) से शैक्षणिक,सांस्कृतिक विनिमय का मार्ग प्रशस्त*--कुलपति प्रो ललित कुमार पटेल।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी एवं श्री सोमनाथ के बीच शैक्षणिक,सांस्कृतिक विनिमय (आदान-प्रदान)करने के लिये आज दोनों विश्वविद्यालयों के बीच लिखित समझौता पत्र (memorandum of understanding-MOU)पर सर्वसम्मति से विभिन्न पहलुओं पर समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया।
श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय,वेरावल,सोमनाथ गुजरात में एक समारोह के अंतर्गत सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रतिनिधि ज्योतिष विभाग के विद्वान डॉ राजा पाठक ने क़रार पत्र के साथ अन्य औपचारिकता की पूर्ति कर समझौते का विश्लेषण किया।
ज्ञातव्य हो कि दोनों संस्थाओं के शैक्षणिक क़रार के सम्बंध में दिनाँक11 जुलाई2023 को वाराणसी स्थित इस संस्था में कुलपति प्रो आनन्द कुमार त्यागी एवं गुजरात के कुलपति प्रो ललित कुमार पटेल के बीच गहन विचार-विमर्श कर रूप रेखा तैयार की गई थी जिसकी सम्पूर्ण औपचारिकता की पूर्ति कर आज एम ओ यू पर हस्ताक्षर कर लिया गया ,यह करार विभिन्न नियमों के अंतर्गत 05 वर्षों तक के लिए किया गया है बाद दोनों संस्थाओं के सहमति और आवश्यकता के अनुसार समय वृद्धि किया जा सकेगा।
समझौता पत्र में विभिन्न विषयों पर शैक्षणिक आदान- प्रदान*-
आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी एवं श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय,वेरावल, गुजरात के बीच करार पर हस्ताक्षर होने पर यहां के कुलपति प्रो आनन्द कुमार त्यागी ने हर्ष और गौरव के साथ बताया कि यह संस्था शास्त्रों के विभिन्न आयामों का संरक्षण करने वाली दुनिया की प्राचीन संस्था है आज करार होने से दोनो संस्थाओं के शैक्षणिक सुविधाओ के अनुसार शिक्षक,छात्रों की मूलभूत सुविधाओं,शैक्षणिक सामग्री का आदान-प्रदान तथा संस्कृति का भाव (संस्कृत,इतिहास,पुरातत्व,समाजिक विज्ञान,टूरिस्ट,पाण्डुलिपि अध्ययन)विषय पर कार्य करेंगे। व्याख्यान शृंखला,सांस्कृतिक और धार्मिक अध्ययन,संस्कृत और भारतीय ज्ञान प्रणाली के क्षेत्रों में अकादमिक आदान- प्रदान,केन्द्रीय पुस्तकालय,पुस्तकालय के बीच सहयोग के माध्यम से पुस्तकालय सुविधाओं और पाण्डुलिपि संसाधनो तक पंहुच,शोकर्ताओं का आदान- प्रदान,शिक्षण- स्टाफ और छात्र,संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का संचालन तथा शिक्षण सामग्रियों का आदान- प्रदान सहित 1. students exchange ( विद्यार्थी अदला बदली ) प्रोग्राम।
2. सहयोगी अनुसंधान योजना (प्रोजेक्ट)
3-अहम क्षेत्रों में अनुसंधान में विकास।
4- अंतःविषय में गतिविधियां की शुरुआत करना।
5-व्यावसयिक और इन्नोवेटिव स्किल को बढ़ाने के लिए इवेंट्स करवाए जाएंगे।
6-सह - उस्मायान प्रोग्राम।
7- विद्यार्थी एवं शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।
विद्यार्थियों को रोजगापरक पाठ्यक्रम का संचालन कर उन्हे सहयोग कर आत्मनिर्भर बनाना तथा सांस्कृतिक विनिमय किया जायेगा।
कुलपति प्रो त्यागी ने बताया कि इस संस्था और सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय,गुजरात द्वारा रिफ्रेशर कोर्स,ट्रेनिंग वर्कशाप,और विभिन्न विदुओं पर सेमिनार आदि आयोजित किये जायेंगे।
समझौते से दोनो संस्थाओ से संस्कृतियों एवं भाषा विचारों का आदान- प्रदान होगा--
सोमनाथ के कुलपति प्रो ललित कुमार पटेल ने बताया कि वाराणसी में स्थित यह संस्था 233 वर्षों से अनवरत देववाणी भाषा संस्कृत एवं शास्त्रों का संरक्षण, संवर्द्धन करते हुए वैश्विक स्तर पर स्थापित है।आज दोनों संस्थाओं के बीच श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल, सोमनाथ, गुजरात में वहाँ के प्रतिनिधि एवं ज्योतिष के विद्वान डॉ राजा पाठक के साथ एक समारोह में आज करार हस्ताक्षर कर(एमओयू)किया गया है।आज से दोनों संस्था का विभिन्न स्तर पर शैक्षणिक करार किया गया है,इससे दोनों प्रदेशों, स्थलों एवं संस्थाओं के ज्ञान-विज्ञान, संस्कृति, संस्कार और सभ्यता का आदान -प्रदान भी होता रहेगा।
*सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय*--
श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय (SSSU) भारत के गुजरात में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है । इसे गुजरात राज्य सरकार द्वारा 2005 में श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम के माध्यम से संस्कृत साहित्य के अनुसंधान और शिक्षण के लिए बनाया गया था। भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से वेरावल में मुख्य परिसर सात विभागों या संकायों का घर है।संस्कृत भाषा और संस्कृति में प्रवचन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नियमित कार्यशालाओं और सम्मेलनों का आयोजन करता है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय संक्षिप्त परिचय---
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी की स्थापना 1791 संस्कृत पाठशाला,22 मार्च 1958 को वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा 16 दिसम्बर1973 को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय नाम से हुआ। इस संस्था संस्कृत के संवर्धन एवं पोषण के लिए दुनिया की अति प्राचीन संस्था है ।
दोनों संस्थाओं के बीच बेहतर शैक्षणिक वातावरण का माहौल तैयार होगा---
विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि डॉ राजा पाठक ने समझौता के दौरान वेरावल, गुजरात से बताया कि यह करार 05 वर्षों के लिए हुआ है,इससे दोनों संस्थाओं के संस्कृतियों तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण का निर्धारण होगा।
उपस्थित जन--
कार्यक्रम में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव के प्रतिनिधि के रूप में डॉक्टर राजा पाठक एवं गुजरात राज्य के शिक्षा मंत्री श्री प्रफुल्ल भाई पानसेरिया महोदय, वेरावल नगर के नगर प्रमुख श्री पीयूष भाई फोफन्दी, सोमनाथ के सांसद श्री राजेश भाई चूड़ासमा विश्वविद्यालय के कुलपति श्री ललित भाई पटेल एवं कुलसचिव श्री दशरथ जाधव उपस्थित रहे। दोनों ही विश्वविद्यालयों ने भविष्य में होने वाले विविध शैक्षणिक कार्यक्रमों के ऊपर अपना प्रकाश डाला।
15 जुलाई 2023