संस्कृत भाषा का साैन्दर्य एवं रहस्य को जानें ...
न नोननुन्नो नुन्नेनो नाना नानानना
ननु ।
नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत् ॥
भावार्थ
हे विभिन्न मुखवाले (नानानन) ! वह निश्चित ही (ननु) मनुष्य नहीं है
जो जो अपनेसे अशक्तसे भी पराजित हो जाए । और वह भी मनुष्य नहीं है (ना-अना) जो
अपनेसे अशक्त(दुर्बल) को मारे (नुन्नोनो) । जिसका नेता पराजित न हुआ हो, वह हार के भी अपराजित है (नुन्नोऽनुन्नो) । जो पूर्णतः पराजित(हारे
हुए) को भी मार देता है (नुन्ननुन्ननुत्) वह पापरहित नहीं है (नानेना) ।
A man is not a man
who is wounded by a low man. Similarly, he is also not a man who wounds a low
man. The wounded one is not considered to be wounded if his master is
unwounded. And he who wounds a man who is already wounded, is not a man.
महाकवि माघ ने अपने महाकाव्य 'शिशुपाल वध' में एकाक्षरी श्लोक कुछ इस
प्रकार दिया है -
दाददो दुद्द्दुद्द्द्दादी दाददो
दूददीददोः ।
दुद्दादं दददे दुद्दे दादाददददददः ॥
दादद (दान देने वाले), दुष्टों को उपताप (कष्ट) देने वाले, दादाद (शुद्धि देने वाले) परिताप देने वाले दुष्टों के नाशक बाहु
वाले और दाताओं तथा अदाताओं दोनों को देने वाले श्रीकृष्ण भगवान ने दुद्द
(दुःखदायी-शत्रु) पर दुःखदायी बाण को दिया (शत्रुनाशक बाण को चलाया) ।
अर्थ-
भगवान श्रीकृष्ण सभी प्रकार के वरदान को देने वाले हैं और वह सभी
प्रकार के बाधाओं को दूर करने वाले, दुष्टों का नाश करने वाले हैं।
भूरिभिर्भारिभिर्भीभीराभूभारैरभिरेभिरे।
भेरीरेभिभिरभ्राभैरूभीरूभिरिभैरिभा:॥
धरा को भी वजन(भार) लगे ऐसे वजनदार वाद्य यंत्र जैसी आवाज
निकालने वाले और मेघ जैसे काले निडर हाथी(गज) ने अपने दुश्मन हाथी पर हमला किया।
The earth also
weighed (weight) the sound of such a heavy musical instrument and the black
fearless elephant (gaja) like the cloud attacked his enemy elephant.
संस्कृत वर्णमाला के 33 वर्ण जिस एक ही श्लोक में समाहित हो गए
हों वह श्लोक कौन सा है? - यहाँ पर देखें कि
संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस पद्य में आ जाते हैं। इतना ही नहीं,
उनका क्रम भी
यथायोग्य है।
क: खगीघाङ्चिच्छौजा झाञ्ज्ञोऽटौठीडडण्ढण:।
तथोदधीन् पफर्बाभीर्मयोऽरिल्वाशिषां सह॥
अर्थ-
पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का , दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर व्यक्ति को शत्रुओं का भी आशीष प्राप्त होता है।
Love of birds, pure
intellect, well versed in kidnapping other's forces, leading in destroyer of
enemies, calm in mind and fearless person also gets the blessings of enemies.