Ticker

10/recent/ticker-posts

संस्कृत भाषा का साैन्दर्य एवं रहस्य को जानें ..

 संस्कृत भाषा का साैन्दर्य एवं रहस्य को जानें ...#Sanskrit

महाकवि भारवि रचित महाकाव्य किरातार्जुनीयम् मैं महाकवि भारवि की अद्भुत पंक्तियोंमें चित्रालंकार एवं काव्यसौन्दर्य देखें-

न नोननुन्नो नुन्नेनो नाना नानानना ननु ।

नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत् ॥

भावार्थ

हे विभिन्न मुखवाले (नानानन) ! वह निश्चित ही (ननु) मनुष्य नहीं है जो जो अपनेसे अशक्तसे भी पराजित हो जाए । और वह भी मनुष्य नहीं है (ना-अना) जो अपनेसे अशक्त(दुर्बल) को मारे (नुन्नोनो) । जिसका नेता पराजित न हुआ हो, वह हार के भी अपराजित है (नुन्नोऽनुन्नो) । जो पूर्णतः पराजित(हारे हुए) को भी मार देता है (नुन्ननुन्ननुत्) वह पापरहित नहीं है (नानेना) ।

A man is not a man who is wounded by a low man. Similarly, he is also not a man who wounds a low man. The wounded one is not considered to be wounded if his master is unwounded. And he who wounds a man who is already wounded, is not a man.

महाकवि माघ ने अपने महाकाव्य 'शिशुपाल वध' में एकाक्षरी  श्लोक कुछ इस प्रकार दिया है -

दाददो दुद्द्दुद्द्द्दादी दाददो दूददीददोः ।

दुद्दादं दददे दुद्दे दादाददददददः ॥

 व्याख्या-  

दादद (दान देने वाले), दुष्टों को उपताप (कष्ट) देने वाले, दादाद (शुद्धि देने वाले) परिताप देने वाले दुष्टों के नाशक बाहु वाले और दाताओं तथा अदाताओं दोनों को देने वाले श्रीकृष्ण भगवान ने दुद्द (दुःखदायी-शत्रु) पर दुःखदायी बाण को दिया (शत्रुनाशक बाण को चलाया) ।

अर्थ- 

भगवान श्रीकृष्ण सभी प्रकार के वरदान को देने वाले हैं और वह सभी प्रकार के बाधाओं को दूर करने वाले, दुष्टों का नाश करने वाले हैं।

     Sri Krishna, the giver of every boon, the scourge of the evil-minded, the purifier, the one whose arms can anni hilate the wicked who cause sufferings to others, shot his pain-causing arrow at the enemy.

     माघ कवि ने "शिशुपालवधम्" महाकाव्य में केवल "भ" और "र", दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया जो इस प्रकार है ।

भूरिभिर्भारिभिर्भीभीराभूभारैरभिरेभिरे।

भेरीरेभिभिरभ्राभैरूभीरूभिरिभैरिभा:॥

 अर्थ-

धरा को भी वजन(भार) लगे ऐसे वजनदार वाद्य यंत्र जैसी आवाज निकालने वाले और मेघ जैसे काले निडर हाथी(गज) ने अपने दुश्मन हाथी पर हमला किया।

    The earth also weighed (weight) the sound of such a heavy musical instrument and the black fearless elephant (gaja) like the cloud attacked his enemy elephant.

संस्कृत वर्णमाला के 33 वर्ण जिस एक ही श्लोक में समाहित हो गए हों वह श्लोक कौन सा है? - यहाँ पर देखें कि संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस पद्य में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, उनका क्रम भी यथायोग्य है।

क: खगीघाङ्चिच्छौजा झाञ्ज्ञोटौठीडडण्ढण:

तथोदधीन् पफर्बाभीर्मयोरिल्वाशिषां सह

अर्थ-

पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का , दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर व्यक्ति को शत्रुओं का भी आशीष प्राप्त होता है।

    Love of birds, pure intellect, well versed in kidnapping other's forces, leading in destroyer of enemies, calm in mind and fearless person also gets the blessings of enemies.

 आशा रखता हुं आपको य़ह जानकारी पसंद आइ होगी। सुभाषित देखें..

16 संस्कार