सामवेद के बारे में कुछ खास बातें
https://youtu.be/xRcrPMCvGFI
साम का अर्थ
सा च अमश्चेति तत् साम्नः सामत्वम् । बृहदा..
गीतिषु सामख्या।
आंगूष्य साम। (स्तोत्ररूप)
साम का शाब्दिक अर्थ है- वह गीत जिसके द्वारा परमात्मा की प्राप्ति होती है।
शबरस्वामी के अनुसार- 'विशिष्टा काचित् गीतिः सामेत्युच्यते।
अर्थात् मन्त्रों को जब विशिष्ट गानपद्धति से गाया जाता है, तब उसे ‘सामन्’ कहते हैं।
सामवेद - परिचय
सामवेद की शाखाएँ
सामवेद – ब्राह्मण ग्रन्थ
अघिक जानकारि हेतु. https://www.youtube.com/@EduTechvipul